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पुलिस की नई तकनीक: बाइक चोरी का तुरंत लगेगा पता ||

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“पुलिस की नई तकनीक: बाइक चोरी का तुरंत लगेगा पता” :

दोस्तों , इन दिनों हम सबको बाइक चोरी का मामला बहुत ज्यादा सुनने को मिल रहा है | जगह – जगह से बाइक चोर बाइक को चुराकर भाग जा रहे हैं | हर रोज न्यूज़ में या आसपास यह सुनने को मिलता हैं कि उनकी बाइक चोरी हो गई| हम सबको भी डर रहता है कि हम कही अपनी बाइक खड़ा करके कही जाये और वो चोरी न हो जाये |

लेकिन दोस्तों अब इस समस्या से डरने की जरुरत नहीं हमें | पुलिस ने इस समस्या से लोगो की मदद करने के लिए अब एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे, जिससे वो कुछ ही समय में चोरी हुई बाइक का पता लगाने में समर्थ होंगे |

पहले पुलिसवालों को चोरी हुई बाइक को पता लगाने में हो रही थी परेशानी —-

पिछले कई वर्षों से बाइक चोरी की इतने मामले सामने आ रहे थे कि पुलिस प्रशासन भी तंग आ चुकी थी| पुलिस वालों को चोरी हुई बाइक का पता लगाने में बहुत परेशानी होती थी| अधिकांश चोरी हुई बाइक का तो वो पता भी नहीं लगा पाते थे|

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा| अब पोलिसवाले आसानी से चोरी हुई बाइक का पता लगा पाएंगे | पुलिसवाले अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल करेंगे | पिछले कई वर्षों से जो बाइक्स चोरी हुई है उन सबका रिकॉर्ड कंप्यूटर में लोड किया जा रह है और सीआइजी प्रकाशन कि मदद से जो जो राज्य के सभी जिलों से जुड़ा है इससे आसानी से उसका पता लगा लेंगे|

Dhanbad News: “पुलिस की नई तकनीक: बाइक चोरी का तुरंत लगेगा पता” जाने…

धनबाद शहर में पिछले कुछ वर्षों से बाइक चोरी की मामला ज्यादा आ रही थी | इससे पुलिस वाले परेशान हो चुके थे | यहाँ जितनी भी बाइक चोरी हुई है उनमे से अधिकांश बाइक का पता पुलिस नहीं लगा पायी है | लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो पायेगा क्योंकि अब पुलिसकर्मी ज्यादा hitech हो चुकी हैं | धनबाद शहर में अब तक जितनी भी बाइक की चोरी हुई है उन सबका रिकॉर्ड कंप्यूटर पर अपलोड किया जा रहा है और सीआइजी प्रकाशन की नेटवर्क जो पुरे जिले से जुड़ा हुआ है इसकी मदद से जल्द ही पता लगा लिया जाएगा | इस नए तकनीक से यह स्पष्ट पता लगाया जा पायेगा कि वह बाइक किस जिले में है|

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सीआइजी प्रकाशन क्या है, और यह किस तरह से चोरी हुई बाइक का पता लगाने में मदद करेगा ?

सीआइजी प्रकाशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे बाइक की सब रिकॉर्ड रखा जायेगा जैसे उसके नंबर, चेचिस नंबर आदि, ये सब रिकॉर्ड पुलिस वाले कंप्यूटर में अपलोड करती है और जरुरत पड़ने पर वो उसकी विज्ञापन छपवाकर इसका पता लगा सकते हैं |

ऐसे तो सीआइजी प्रकाशन का नेटवर्क राज्य के पुरे जिले से जुड़ा हुआ है | इसकी मदद से पुलिस वाले आसानी से उन सब बाइक तक पहुँच सकती है जो जिला में कही भी लावारिश स्तिथि या चोरी हुई रहेंगी| उन सबका रिकॉर्ड पुलिस वाले सीआइजी प्रकाशन में लोड करेंगे और उसके नंबर से वो पता लगा लेंगे कि बाइक कहा और किस जिले में बरामद हुई है|

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